3 मई 2011
कांडाघाट (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश के कांडाघाट में मंगलवार तड़के 108 वर्ष पुराने रेलवे स्टेशन में आग लग गई, जिसमें पूरा स्टेशन जलकर नष्ट हो गया। अंग्रेजों ने इसे वर्ष 1903 में बनवाया था और यह पूरी तरह से लकड़ी का बना हुआ था।
पुलिस के अनुसार इस हादसे में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। मशहूर कालका-शिमला रेलमार्ग पर बना यह रेलवे स्टेशन एक जंक्शन था। कांडाघाट शिमला से 25 किलोमीटर दूर स्थित है।
महानिरीक्षक (रेलवे यातायात) प्रदीप कुमार सरपाल ने बताया कि सोलन जिले में कालका-शिमला रेलमार्ग पर बना यह स्टेशन आग में पूरी तरह से नष्ट हो गया है।
कुमार ने बताया कि पांच घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका। उन्होंने कहा, "प्राथमिक जानकारी के मुताबिक ऐसा लगता है कि शार्ट-सर्किट की वजह से आग लगी।"
एक अन्य पुलिस अधिकरी ने कहा कि स्टेशन में रखे सारे दस्तावेज और समान नष्ट हो गए हैं।
उत्तर रेलवे के अंबाला मंडल के अधिकारी आग की वजह से नुकसान हुई सम्पत्ति का आकलन करने के लिए घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं।
मंडल रेल प्रबंधक पी.के.सांघी ने संवाददाताओं को बताया कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं लेकिन उन्होंने कहा कि रेलमार्ग पर रेलगाड़ियों का आवागमन सुचारू है।
गौरतलब है कि इस रेलमार्ग को वर्ष 1903 में भारतीय वायसराय लार्ड कर्जन द्वारा यातायात के लिए खोला गया था। उस समय सिर्फ यूरोपीय नागरिकों को ही इस रेलमार्ग का उपयोग करने की अनुमति थी।
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